ताकता हुआ मैं दिशाकाश : कविता का युवा मौसम - सिद्धेश्वर सिंह
वरिष्ठ कथाकार - सम्पादक ज्ञानरंजन ने कई वर्ष पूर्व अपने एक पत्र में किसी संकोची व्यक्ति के लिए कहा था कि वह जीवन के तलघर में रहकर काम करता है। सिद्धेश्वर सिंह पिछले कई वर्षों से इसी तरह हिन्दी...
View Articleमैं नष्ट कविताओं के सौंदर्य से चिपट कर सोती हूँ - ज्योति शोभा की कविताऍं
ज्योति शोभा की कविताऍं अनुनाद को मिली हैं। इससे पहले उनकी कविताऍं समालोचन, सौतुक और प्रभात ख़बर में देखी गई हैं। ज्योति हिन्दी कविता संसार के लिए नया नाम हैं पर सोशल मीडिया पर वे लगभग रोज़ ही कविता...
View Articleये दु:ख की नदियॉं हैं क्योंकि किसानों की नदियॉं हैं - कुमार मंगलम की कविताऍं
युवा कवि कुमार मंगलम की कुछ कविताऍं अनुनाद को मिली हैं। ये कविताऍं नदियों के बारे में हैं, जैसे भाषा की नदी में सचमुच की नदी के प्रवाह की प्राचीन एक इच्छा। कविता में अनगढ़- सी एक धारा - कभी मंथर, कभी...
View Articleएक गांछ उम्मीद की -सोनी पाण्डेय की कविताऍं
सोनी पाण्डेय ने पिछले कुछ वर्षों में कविता के पाठकों में सम्मान अर्जित किया है। वे आम हिन्दुस्तानी स्त्री के संसार की ऐसी कवि के रूप में पहचानी गई हैं, जो विमर्श की जटिलता को सामने न रखते हुए जीवन...
View Articleआँखें नम करते सुच्चे क़िस्से - मनोज शर्मा की कविताऍं
मनोज शर्मा हिन्दी के सुपरिचित कवि और संस्कृतिकर्मी हैं। जम्मू में उनका रचनात्मक रहवास शुरूआती तौर पर कविता में एक स्थनीयता के चित्र बनाता हुआ सा भले लगता हो, पर उसमें पीड़ा और वेदना के कहीं बड़े...
View Articleशून्यकाल में बनी सहमतियों के विरुद्ध - गणेश गनी की कविताऍं
गणेश गनी सुपरिचित कवि हैं। वे पारखी सम्पादक और संवादी समीक्षक भी हैं। उनकी सात कविताऍं अनुनाद को मिली हैं। कविता और समीक्षा में उनकी सक्रियता को उन्हीं के शब्दों में कहें तो शून्यकाल में बनी...
View Articleगूँगी नहीं हो जाती है आत्मा - प्रदीप सैनी की कविताऍं
समकालीन हिन्दी कविता की अन्तर्धारा में प्रदीप सैनी सदा ही धैर्य और संयम के साथ रचनारत दिखायी दिए हैं। अनुनाद को उनकी ये अप्रकाशित कविताऍं मिली हैं। प्रेमको अवश्य ही कविता में अनगिन बार कहा गया है और...
View Articleयह कविता किसी दिशा में नहीं जाती इस पर चढ़ने वाले लोग अपने उतरने की व्यवस्था...
इधर दुनिया भर में मची गड़बड़ और ख़राबे के बीच भी भाषा और कविता में साहित्य की राजनीति के पुराने पत्ते फेंटने का हुनर रखने वाले सभी मशहूर, अपूर्व, अद्भुत इत्यादि बताए जा रहे वरिष्ठ और कनिष्ठ...
View Articleसाहित्य ज़माने भर से किया जानेवाला इश्क़ है - कुमार अम्बुज
साहित्य में संगठनों की प्रासंगिकता पर बहस लगातार बढ़ी है। वैचारिक प्रतिरोध और विमर्श के लिए व्यक्तिकेंद्रित गैरवैचारिक समूहों के बरअक्स संगठनों की भूमिका को अब समाप्त मान लेने के उदाहरण हमारे सामने...
View Articleअरूणाचल के पानी में डूब रहा है केरल - अनामिका अनु की कविताऍं
कितनी अलग-अलग आवाज़ें इस बीच हिन्दी कविता को मिली हैं, यह देखना सुखद है। अहिन्दी प्रदेशों में हिन्दी की कविता के रचे हुए नए-नए-से ये दृश्य आश्वस्त करते हैं। इन दृश्यों में लम्बी यात्राऍं हैं,...
View Articleकठिन काल में प्रेम के दस्तावेज - देवेश पथ सारिया की कविताऍं
कवि का कथनकविता मेरे लिए अपने भीतर के उस बच्चे को स्वर देने का प्लेटफार्म है, जिसने एक अलग- थलग, दार्शनिक-सा बचपन जिया। समय के साथ मेरी कविता की यात्रा में...
View Articleहम पानी में नहीं कर्ज में डूबे थे - रोहित ठाकुर की कविताऍं
कवि का कथनमेरा मानना है कि साहित्य स्वयं का , अपने परिवेश के मूल्यांकन और पुनः मूल्यांकन का आधार देती है ।घर से अत्यधिक आत्मीयता से जुड़ा हुआ हूँ, जीवन और उसके आस-पास की घटनाओं में मैंने रागात्मकता को...
View Articleभैया जी, यह देश बहुत बड़ा है - कमल जीत चौधरी
कमल जीत चौधरी चर्चित युवा कवि हैं। अनुनाद को दोबारा सक्रिय करते हुए मैंने उनसे हिन्दी कविता में इधर चल रही बहसों पर एक लेख माँगा था। सरकारी नौकरी की व्यस्तता और इधर खड़े हुए महामारी संकट के बीच...
View Articleपृथ्वी की तमाम ऊर्जा अकेले कैसे चुरा सकता हूँ - अरुण शीतांश की कविताऍं
अरुण शीतांश जाने-पहचाने कवि हैं। उनके महत्वपूर्ण रचनात्मक और आलोचनात्मक हस्तक्षेप हिन्दी संसार में संवाद की शिनाख़्त की तरह देखे गए हैं। अनुनाद पर ये कविताऍं प्रस्तुत करते हुए कवि को शुभकामनाऍं...
View Articleटॉड मार्शल की एक कविता और लेख का अंश : चयन, अनुवाद एवं प्रस्तुति - यादवेन्द्र
टॉड मार्शल की कविता कोर्ट ........ वादी के साथ लम्बे रिश्ते का संज्ञान लेती है और पूरी नेकनीयती के साथ विश्वास करती है कि दोनों पक्ष उदारता और विवेक दिखाते हुए इस रिश्ते की गरिमा अक्षुण्ण रखेंगे।...
View Articleभैया जी, यह देश बहुत बड़ा है - कमल जीत चौधरी
कमल जीत चौधरी चर्चित युवा कवि हैं। अनुनाद को दोबारा सक्रिय करते हुए मैंने उनसे हिन्दी कविता में इधर चल रही बहसों पर एक लेख माँगा था। सरकारी नौकरी की व्यस्तता और इधर खड़े हुए महामारी संकट के बीच...
View Articleजो संताप इन दिनों में भोगा है - शचीन्द्र आर्य की कविताऍं
कवि का कथन जिन्हें भी अपनी कविताएँ कह रहा हूँ, वह मेरे भीतर से बाहर और बाहर से भीतर आने की प्रक्रिया का विस्तार है। जो कोई भी कुछ कहना चाहता होगा या कह पाता होगा, उसके पास रचने के क्रम में यह ऐसे ही...
View Articleक्योंकि उसे सिर्फ़ शब्दों से नहीं लिखा जाता - रश्मि भारद्वाज
हिन्दी कविता में इधर चली बहसों पर युवा कवि रश्मि भारद्वाज की यह प्रतिक्रिया एक लेख के रूप में मिली है। युवा कवियों की ओर से ऐसे हस्तक्षेप भले ही बहुत न हों, पर इनका होना आश्वस्त करता है। रश्मि का...
View Articleजो पैर कभी नहीं चलते वो गप्प लगाते हैं - गौरांशी चमोली की कविताऍं
गौरांशी चमोली की कविताऍं मैंने फेसबुक के एक पेज पर हुए लाइव में सुनीं। जीवन और समाज की बुनियाद समझ से भरी इन कविताओं में मुझे सहजता का वो दुर्लभ-सा सिरा हर कहीं मौजूद मिला, जिसकी हमारी किंचित विकसित और...
View Articleलोगों को दुखों के कलात्मक ढाँचे आकर्षित करते हैं - जोशना बैनर्जी आडवाणी की...
कुछ दिन पहले ओम निश्चल के एक आलेख में जोशना बैनर्जी आडवाणी का उल्लेख मैंने देखा, फिर फेसबुक पर उनकी कविताऍं पढ़ीं। उनसे अनुनाद को ये कविताऍं मिली हैं। आप अवश्य ही यह महसूस करेंगे कि कविता में...
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