शिक्षक दिवस पर मेरे प्रिय समाज-राजनीति-साहित्य शिक्षक की याद
मेरे प्रिय समाज-राजनीति-साहित्य शिक्षकअपनी उधेड़बुनों में एक अज्ञानी कई तरह से उलझता है....मैं भी उलझता हूं....अगर ये उलझनें सच्ची हैं तो इनसे बाहर निकालने वाले लोग भी जीवन में हमेशा मौजूद होते हैं।...
View Articleमनोज की कविता पर कुछ नोट्स, जिन्हें शायद कविता होना था ....
मनोज कुमार झा के पहले कविता संग्रह पर इस समीक्षा को कविसाथी अरुण देव ने अपनी ब्लागपत्रिका समालोचनके लिए किसी ज़िद की तरह लिखवाया था। मैंने अपने हड़कम्प और हड़बड़ी में बहुत कम समय में इसे लिखा...जाहिर...
View Articleनरेश चन्द्रकर की कविताएं
नरेश चन्द्रकर मेरे प्रिय अग्रज कवि हैं। उनकी आवाज़ इतनी शान्त, गहरी और मद्धम है कि कम ही सुनाई देती है। हिंदी कविता के नाम पर अकसर कोहराम मचा रहता है....तब यह कवि अपने सामाजिक एकान्त और वैचारिक...
View Articleरामजी तिवारी की कविताएं
मैं ब्लागपत्रिकाओं में लगातार रामजी तिवारी की कविताएं पढ़ता रहा हूं। उनकी कविताओं में बोली-बानी अलग है...ठेठ देशज संस्कार वाली। उनमें ईश्वर और मिथक-पुराणों का स्वीकार-अस्वीकार भी देशज ही है, लेकिन...
View Articleप्रेमचंद गांधी की प्रेम कविताएं
प्रेमचंद गांधीजयपुर में 26 मार्च, 1967 को जन्मे सुपरिचित कवि प्रेमचंद गांधी का एक कविता संग्रह ‘इस सिंफनी में’ और एक निबंध संग्रह ‘संस्कृति का समकाल’ प्रकाशित है। कवि ने कविता के बाहर भी समसामयिक...
View Articleआसान नहीं विदा कहना - केशव तिवारी
अपने जनपद का पक्षी विश्व गगन को तोल रहा है... गद्य के इलाक़े में मेरी यात्रा अभी शुरू ही हुई और इस शुरूआत में मैंने कुछ समीक्षात्मक - संस्मरणात्मक लेख लिखे हैं, जिनका एक संग्रह उपलब्ध है। अब तक...
View Articleमैं चमारों की गली तक ले चलूंगा आपको
मैंने यह पोस्ट बहुत पहले कबाड़खानापर लगाई थी। इधर 'कल के लिए' का अदम विशेषांक पढ़ते हुए मुझे इस कविता की याद आई...सो अनुनाद के पाठकों के लिए इसे यहां फिर लगा रहा हूं। अदम ग़ज़लों-नज़्मों के जनवादी...
View Articleमोनिका कुमार की नई कविताएं
मोनिका कुमार: फोटो जानकीपुल सेमोनिका कुमारहिंदी के लिए बहुत नई कवि हैं। मुद्रित पत्र-पत्रिकाओं में अभी उनकी कविताएं शायद नहीं छपी हैं। उन्हें नेट पर ही कुछ जगह मैंने देखा है। पहली बार सम्भवत: आपका...
View Articleकविता जो साथ रहती है / 1 : नवीन सागर की कविता पर गिरिराज किराड़ू
सल्वादोर डाली : गूगल इमेज से साभार नवीन सागर की कविता उनके प्रस्थान के बाद भी बची हुई है, बची रहेगी। मुझे बार-बार कहना पड़ता है और फिर कहना पड़ रहा है कि नवीन सागर भी उन्हीं कवियों में हैं, जिन्हें...
View Articleविदेश नीति - अमित श्रीवास्तव की कविता
अमित श्रीवास्तव की कविताएं एक अंतराल पर सामने आती रही हैं। इस अन्तराल में अमित का कवि ख़ुद को कुछ सम्भालता है पर कविता दरअसल हमेशा से अपने शिल्प में एक बेसम्भाल चीज़ रही है - यह इसका आन्तरिक...
View Articleवंदना शुक्ला की कविताएं
वंदना शुक्ला वंदना शुक्ला की ये कविताएं मुझे उनके मेल द्वारा मिलीं। इन कविताओं की कवि हिंदी के आभासी संसार के अलावा सभी प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में भी छपती रही हैं। यहां प्रस्तुत कविताएं...
View Articleतुषारधवल की नई लम्बी कविता - ठाकुर हरिनारायण सिंह
तुषार धवल तुषार हमारे समय का बहुत महत्वपूर्ण युवा कवि है। वो बेहद आत्मीय हमउम्र साथी है इसलिए चाहकर भी मैं उसके लिए सम्बोधन के आदरसूचक बहुवचन का प्रयोग नहीं कर पा रहा हूं। राजकमल से आया उसका संग्रह...
View Articleमणिपुर की अद्वितीय मुक्केबाज कोम को संबोधित दो कविताएं - यादवेन्द्र
अपने रचनात्मक सहयोग के साथ यादवेन्द्र अनुनाद के सबसे निकट के साथी हैं। वे हमारी अनुनाद मंडली के सबसे वरिष्ठ साथी भी हैं, उन्हें मैं हमेशा से अनुनाद के अभिवावक की तरह देखता हूं। वे कामकाज की घोर...
View Articleसपने में होना भी होना है होने जैसा - अशोक कुमार पांडे की नई कविता
हिंदी कविता की परम्परा में बहुत समर्थ और विचार के लिए अत्यन्त स्वप्नशील कवियों ने भी जीवन में कभी न कभी हताशा, बेबसी, उदासी और हार जाने के अहसास का सामना किया है। कविता में द्वन्द्व के सम्भव...
View Articleप्रशान्त की लम्बी कविता- आधा रास्ता
प्रशान्त प्रशान्त मेरे लिए परिचित कवि नहीं रहे हैं अब तक। कुछ कविताएं मैंने ब्लागपत्रिकाओं में पढ़ी हैं। उनकी यह लम्बी कविता मुझे साथी अनुनादी अशोक कुमार पांडेय के सौजन्य से प्राप्त हुई है। इस...
View Articleकविता जो साथ रहती है / 2 - विनोद कुमार शुक्ल की कविता : गिरिराज किराड़ू
कवि की तस्वीर रविवारसे साभार गिरिराज किराड़ू ने अपने स्तम्भ की दूसरी कविता के रूप में विनोद कुमार शुक्ल की कविता का चयन किया है, जो संयोग से मेरी भी प्रिय कविता रही है। गिरिराज की ये टिप्पणियां...
View Articleअनिल कार्की की तीन कविताएं
अनिल कार्कीये हमारी नाउम्मीदी और अपनी नौउम्र उम्मीद की संधि पर खड़े एक विचारवान नौजवान की कविताएं हैं। इनमें सपाट दिखते बयान हैं, जो उतने ही जटिल भी हैं....उनके अभिप्राय समझने के लिए एक राजनीतिक समझ...
View Articleश्रीकांत दुबे की चार नई कविताएं
श्रीकांत दुबेकविता और कहानी के प्रदेश में श्रीकान्त दुबे हमारे ख़ूब जाने-पहचाने प्रतिभावान युवासाथी हैं । मेरी श्रीकांत से एक छोटी-सी मुलाक़ात बनारस में हुई थी.....2005 में..... चंदन पांडे, मयंक और...
View Articleमनोज कुमार झा की कविताएं
मनोज कुमार झा से कविताओं के लिए अनुनाद ने अनुरोध किया था और दो महीने का इन्तज़ार भी। अनुनाद पर अप्रकाशित होने की शर्त और झंझट नहीं है। हमारा मानना है कि अच्छी कविताएं कितनी भी बार - कितनी भी जगहों पर...
View Articleलोकमत की रचना वार्षिकी 'दीप भव' 2012 में छपी मेरी दो कविताएं
ये शरद की रातें हैंये शरद की रातें हैं मेरे पहाड़ और मेरी छाती परइन्हें होना था सुन्दर, हल्का और सुखदपर ये विलाप की रातें हैंपढ़ने की मेज़ पर देर रात बैठा रोता है एक आदमीएक औरत बिस्तर पर गहरी नींद...
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