चन्द्रेश्वर पांडेय की कविताएं
पता नहीं मेरी लिखत-पढ़त की सीमा है या फिर दुनिया के ग्लोबल विलेज बनने में ही कसर छूट गई है कि चन्द्रेश्वर पांडेय जैसे पुराने साहित्यकर्मी से मेरा परिचय फेसबुक पर हुआ - गो उसे साहित्य संसार में हो जाना...
View Articleअमित श्रीवास्तव की एक कविता - आओ करके देखें
कविता में प्रयोग एक पुराना पद है। कभी-कभी वह नए आशय के साथ प्रकट होता है तो ध्यान खींचता है। दुनिया बदल गई है। पुरानी वैचारिक चुनौतियों में नई चुनौतियां शामिल हैं, कई बार वे पुरानी के लिए भी चुनौती...
View Articleआर्याव्रत में मिस्टर के: ईस्वी सन २०१४ - गिरिराज किराडू
गिरिराज किराड़ू नामक हमारा साथी और प्रिय कवि कविता के इलाक़े में इतना धैर्यवान है कि हमारे धैर्य की परीक्षा लेने लगता है। बहुत प्रतीक्षा के बाद कुछ दिनों से मेरे पास गिरिराज की ये कविताएं हैं और वही...
View Articleसंध्या नवोदिता की कविताएं
इसी मुल्क का ज़िंदा बाशिंदा अब मैं इससे ज्यादा वेदना से नही रो सकताइससे ज्यादा आंसू नहीं हैं मेरे पासमन भर की कराह और जीवन की आहसे ज्यादा नहीं है कुछअपनी सच्चाई का यकीन दिलाने के लिए।मुझे रोटी चाहिएयह...
View Articleसोनी पाण्डेय की लम्बी कविता
भारतीय स्त्री के जीवन के करुण महाख्यान के कुछ पृष्ठ लिखती सोनी पाण्डेय की यह कविता प्रस्तुत करते हुए अनुनाद उनका आभारी है। यह पृष्ठ जो बहस में रहेंगे, विमर्श में नहीं अटेंगे, किसी भी अकादमिक बड़बोले...
View Articleकुछ न होता तो ख़ुदा होता उर्फ़ गनीमत है कि कुछ है · अशोक कुमार पाण्डेय
(एक)जिन सड़कों पर कोई नहीं चलता वे भी कहीं न कहीं जाती हैं उन घरों में किस्से रहते हैं जो अब खाली हैं यह काग़ज़ एक हराभरा पेड़ था उस पर चिड़ियाँ थीं जो उन जैसी आवाज़ नहीं किसी शब्द में उन पत्तों जितनी खामोशी...
View Articleकमल जीत चौधरी की कविताएं
कमल अनुनाद के प्रिय कवियों में से हैं पर इधर बहुत समय बाद उनकी कविताएं मिली हैं। पहली बार प्रकाशित हो रहीं ये कविताएं तीन-चार साल पहले की हैं। *** रेखांकन :शिरीषचुप रहती लड़कीमेरी दोस्ततुम जानती नहीं...
View Articleकुछ प्रलाप
अनुनाद पर बहुत समय बाद अपना लिखा कुछ लगा रहा हूं। ज़्यादा कुछ नहीं बस मेरे कुछ प्रलाप भर हैं। अकेले आदमी का प्रलापकविता न थी स्वप्न मेंजीवन था वह खड़ी थी सुबह ठीक आठ बजेमेरे लिए उच्च रक्तचाप की दवाई...
View Articleकिसी सलीब पर देखा है मुझको बोलो तो - अशोक कुमार पांडेय की नई कविता
अशोक की कविता में बेचैनी भी एक मूल्य की तरह उभरती है। हिंदी कविता में उसका चेहरा बेशिकन चेहरा नहीं है। वहां गहरे स्याह साए और एक जलती हुई उम्मीद है। वो ख़ुद से जिरह करते हुए उस जिरह की सामाजिकता को...
View Articleसुजाता की कविताएं
मेरा सुजाता से पहला परिचय चोखेरबाली ब्लाग की वजह से है और दूसरा फेसबुक पर। इतना जानना भी इस मायने में पर्याप्त है कि मैंने उन्हें फेसबुक पर कुछ तीखी लेकिन सार्थक बहसों में उलझा पाया है। वे बहसें बताती...
View Articleराकेश रोहित की कविताएं
राकेश रोहित की कविताएं एक वक़्त से फेसबुक और उनके ब्लॉग पर पढ़ता रहा हूं। मद्धम आंच से भरी उनकी कविताएं मनुष्यता के पक्ष में खड़ी होती हैं। कला के लिए कोई अतिरिक्त आग्रह नहीं, यथार्थ से सीधी मुठभेड़...
View Articleकविता में भरोसेमंद आवाज़ें - विजय कुमार
गोविंद माथुर के हाल में प्रकाशित कविता संग्रह ‘ नमक की तरह ‘ को पढ़ना एक प्रीतिकर अनुभव है। भारतीय निम्न मध्य वर्ग का एक जटिल समाजशास्त्र और उसका मनोविज्ञान जीवन की छोटी छोटी स्थितियों के माध्यम से अपनी...
View Articleवीरू सोनकर की दस कविताएं
वीरू सोनकर सोशल मीडिया पर सक्रिय उन नौउम्र कवियों में हैं, जिनकी कविता मैं अकसर उत्सुक के साथ पढ़ता हूं। ये कविताएं मुझसे कहती हैं कि जल्द तुम्हें हम पर लिखना होगा। मैं उस कहन को कुछ देर के लिए मुल्तवी...
View Articleविजय गौड़ की कविताएं
विजय कई वर्षों से कथा और कविता के प्रदेश के नागरिक हैं। इस ख़ूब विचारवान और अनुभवसम्पन्न साथी की कविताएं बहुत समय बाद अनुनाद को मिली हैं। उनका कविता संग्रह 'सबसे सही नदी का रस्ता'मेरी स्मृति का स्थायी...
View Articleनूतन डिमरी गैरोला की कविताएं
अनुनाद पर पिछली पोस्ट में विजय गौड़ की कविताएं आपने पढ़ीं। मेरे लिए विजय की एक पहचान देहरादून है, गो वे अब कोलकाता में रहते हैं। संयोग है कि यह पोस्ट भी देहरादून से ही। नूतन डिमरी गैरोला की ये कविताएं...
View Articleदीपक तिरुवा की दो कविताएं
कभी हमें ऐसी कविताएं मिलती हैं, जिनसे गुज़रने के अनुभव हमारे अब तक के लिखे-पढ़ेको और समृद्ध करते हैं। दीपक तिरुवा की कविताएं, ऐसी ही कविताएं हैं। भूगोल और भाषा-साहित्य के सीमान्तों पर रहते हुए लोग एक...
View Articleसंदीप नाइक की कविताएं
संदीप नाइक की कविताएं मुझे उनसे एक फेसबुक संवाद के बीच मिलीं। उनकी पुस्तक 'नर्मदा घाटी की कहानियां'अभी अंतिका प्रकाशन से छपी है और चर्चा में है। संदीप मेरे लिए मेरे पुरखों की ज़मीन के कवि हैं। उनकी...
View Articleन्यायपूर्ण आक्रामकता की कविताएं हैं अजय सिंह की : वीरेन डंगवाल - अजय सिंह के...
11 अप्रैलनई दिल्ली। अजय सिंह की कविताएं भारतीय लोकतंत्र की विफलता को पूरी शिद्दत से प्रतिबिंबित करती हैं। उनकी कविताओं का मूल स्वर स्त्री, अल्पसंख्यक और दलित है। सांप्रदायिकता से तीव्र घृणा उनकी...
View Articleउनकी ‘’कविता’’ कविता कहे और माने जाने योग्य नहीं है - विष्णु खरे
अनुनाद पर पिछली पोस्ट/ अजय सिंह के कविता संग्रह के लोकार्पण समारोह की रिपोर्ट पर विष्णु खरे की यह प्रतिक्रिया मुझे मिली है। इसे अविकल यहां लगाया जा रहा है। मैंने चन्द्रेश्वर पांडेय जी की फेसबुक दीवार...
View Articleस्मृति एदुआर्दो गेलेआनो : यादवेन्द्र
13 अप्रैल को लैटिन अमेरिका के 74 वर्षीय विद्रोही रचनाकार पत्रकार एदुआर्दो गेलेआनोका कैंसर से निधन हो गया। भले ही उनकी कर्मभूमि उरुगुए रहा हो पर सम्राज्य्वादी शोषण के विरुद्ध उनकी बुलंद आवाज़ को पूरी...
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