सुबह की नब्ज पर- सांस्कृतिक -कलात्मक आन्दोलन की राह में माया एंज़ेलो
विपिन चौधरी की लिखी जीवनीमैं रोज़ उदित होती हूं :माया एंजेलो का विद्रोही जीवन से एक अंश 1950 के दशक के अंत में माया अन्ज़ेलो, अश्वेत राइटर्स गिल्ड में शामिल हो गयी. वहीँ पर माया की मुलाकात एक प्रमुख...
View Articleअरुण श्री की कविताएं
अरुण श्री की कविताएं संभवत: मैंने पहली बार असुविधा ब्लाग पर पढ़ी और वे मुझे लगा कि इधर फेसबुक पर तैयार हो रही एक नई भीड़ में यह मानवीय स्वर अलग सुनाई दे रहा है। दरअसल भीड़ कहना विवशता है। आप उस...
View Articleसंगीत और जीवन का तारतम्य : वंदना शुक्ल की कविताएं
सुपरिचित कथाकार-कवि वंदना शुक्ल इस बार अनुनाद के लिए संगीत का अनुपम उपहार लायीं तो लगा किसी अमर प्रतीक्षा का सुफल मिला। कविता के कार्यकर्ता हमेशा ही संगीत की ओर झुकते हैं। दोनों कलाओं का...
View Articleआभास मिल रहा है ज्वलंत सूर्य का - (इतिहास वंचित/ फारूक शाह)
फारूक शाह ने कुछ समय लिया लेकिन इस पोस्ट के रूप में अनुनाद को इस क़दर समृद्ध किया है कि अब मेरे लिए आभार कहना बहुत कम कहना होगा। पाठक स्वयं अनुभव कर पाएंगे उस पीड़ा और छटपटाहट को, जो यहां प्रस्तुत...
View Articleहरेप्रकाश उपाध्याय की सात कविताएं
हरेप्रकाश उपाध्याय की कविताओं का इंतज़ार, अनुनाद के लिए बहुत पुराना इंतज़ार था। अब जाके पूरा हुआ। कठिन प्रखर प्रतिभा, सख़्त बोली, अक्खड़-फक्कड़ व्यवहार के बीच हरेप्रकाश का एक उतना ही आत्मीय सरल...
View Articleशेरसिंह बिष्ट ‘अनपढ़’ के कविकर्म पर प्रो.चन्द्रकला रावत
शेरसिंह बिष्ट ‘अनपढ़’ की कविताओं को पढ़ते हुए (मेरि लटि-पटि के सन्दर्भ में) कुमाउनी में लिखित साहित्य...
View Articleमाया गोला की तीन कविताएं
1.दुनिया के सारे धर्मग्रंथकर दिए जाएं तहख़ानों के हवाले (भले ही कुछ समय के लिए) और पढ़े जाएं सिर्फ़ प्रेमग्रंथ........अवतारों के रूप में जन्म ले प्रेम के देवता ही पूजा करना नहीं प्रेम करना हो जरूरी...
View Articleगौतम राजरिशी की पांच ग़ज़लें
इन ग़ज़लों में नए प्रयोग हैं। सायास हिंदीपन नहीं, बोली-बानी का अहसास ज़रूर है। हिंदी में ग़ज़ल कहना मुश्किल बात है इसीलिए स्थापित नाम भी अंगुलियों पर गिने जाने जितने ही हैं। गौतम की ये सभी ग़ज़लें...
View Articleजनवाद/साम्यवाद की व्यापक विचारधारा को सीमित करता है कतिपय कवि-चिंतकों का...
कुछ समय पहले विजेन्द्र जी ने उनकी पेंटिग्ज़ की मेरे द्वारा की गई प्रशंसा को हिंदी कविता के युवा विघ्नसंतोषियों द्वारा समझाए जाने पर अपनी कविता की अवमानना की तरह ग्रहण किया। मैंने पहली बार किसी ऐसे...
View Articleसंतोष एलेक्स के कविता संग्रह 'पांव तले की मिट्टी'पर आशीष कुमार की समीक्षा
लोकोन्मुख आस्वादकी कविताएं :पांव तले की मिट्टी - आशीष कुमार“ कहा जा रहा है कविता खत्म हो रही है पर मुझे हर कहीं कविता दिखाई देती हैमां की आंखों मेंपिता की सोच मेंभाई की बेचैनी मेंबहन की हंसी में ”...
View Articleअनिल कार्की की नई कविताएं।
अनिल कार्की विकल, विकट और अंतहीन छटपटाहटों का कवि है। ये मनुष्य से आगे एक विचारवान मनुष्य होने की छटपटाहटें हैं, जो उसे समय में आगे-पीछे ले जाती रहती हैं। अनिल के पास विचार है और उसे वह दिमाग़ के...
View Articleनीलकमल का नया संग्रह 'यह पेड़ों के कपड़े बदलने का समय है'
कुछ बहसतलब खरी कविताओं के बीचनीलकमल का दूसरा कविता संग्रह ‘यह पेड़ों के कपड़े बदलने का समय है’कई दिन से मेरी मेज़ पर रखा है और मेरी बेचैनी शामिल हो रहा है। कम कवियों की कविता ऐसी होती है जो आपको अपनी...
View Articleआलोकवर्धन की कविताएं : चयन और प्रस्तुति - आशीष मिश्र
हमारी कोशिश है कि भिन्न-भिन्न स्वर कविता के हम अनुनाद पर छाप सकें। इसके लिए कभी सीधे कवियों से सम्पर्क करते हैं और कभी किसी के माध्यम से उन तक पहुंचना होता है। इसी क्रम में इस बार हम आलोकवर्धन की...
View Articleतुषारधवल की कविता
तुषार का दूसरा संग्रह : दख़ल प्रकाशनये शरद की रातें हैं (मित्र कवि शिरीष कुमार मौर्य की इसी शीर्षक की कविता पर चित्र बनाते हुए, उसी के प्रभाव में) कुहासे में गुमनाम घाटियों के विलाप से थरथरा रही है...
View Articleयुगीन जटिलताओं के मध्य आदमी और उसके समय का आख्यान रचती कविताएं - राहुल देव
(राहुल देव युवा समीक्षक हैं। अभी उन्होंने असुविधा ब्लॉग पर आत्मारंजन के कविता संग्रह पर बहुत सधी हुई समीक्षा लिखी है। अनुनाद पर वे पहली बार प्रकाशित हो रहे हैं। हमारी इस पत्रिका में उनका सहयोग...
View Articleविवेक मिश्र की पाँच कविताएं/ कथाकार कवि
फेसबुक सूचना के अनुसार आज हमारे मित्र कथाकार विवेक मिश्र का जन्मदिन है। 15 अगस्त को जन्म लेना एक आज़ाद तबीयत की ओर इशारा करता है। इस अवसर इस सिद्धहस्त कथाकार की कुछ कविताएं अनुनाद पर लगा पाना मेरे...
View Articleविमलचन्द्र पांडेय की कविताएं : मीरा स्मृति पुरस्कार की बधाई के साथ
रेखांकन : कुंवर रवीन्द्रविमलचन्द्र पांडे का जीवट से भरा गद्य सैकड़ों में पहचाना जाता है और वही गद्य जब कविता के शिल्प में ढलता है तो समकालीन एकरसता और ऊब कुछ टूटती है। इधर तो मैंने कवियों का और...
View Articleप्रांजल और वेगवान कविताएं : विमलेश त्रिपाठी के नए कविता संग्रह पर ब्रज...
‘ इधर की कविता का असली चेहरा तो वो है जिसका सौन्दर्य शास्त्र थोड़ा अलग है,अगर इस कविता ने बिना रस,छंद, अलंकर, यति,गति,आदि के अपनी पहचान ना केवल बनाई है बल्कि एक ज़ुरूरत की मानिंद मान ली गई है तो ये यूँ...
View Articleरोहित रूसिया के नवगीत
इन नवगीतों के लिए अनुनाद ने रोहित रूसिया से फेसबुक बातचीत में अनुरोध किया था। हम कविता के सभी रूपों की उपस्थिति अनुनाद पर चाहते हैं। रोहित को इस सहयोग के लिए आभ्ाार। अनुनाद पर उनका स्वागत है। इस...
View Articleकेशव तिवारी बरास्ते 'तो काहे का मैं’ - आशीष मिश्र
केशव तिवारी आज के महत्वपूर्ण कवियों में हैं। अनुनाद पर ही प्रकाशन तिथि के क्रमानुसार शिरीष कुमार मौर्य, सुबोध शुक्लतथा महेश पुनेठा के लेख आप इन तीनों के नाम पर क्लिक करके पढ़ सकते हैं। सुबोध शुक्ल...
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